एक गांव के पास आश्रम में एक महात्मा रहते थे। महात्मा जी पूरे दिन अपने ध्यान में लीन रहते और सुबह-शाम भिक्षा के लिए चले जाते।
एक दिन फेरी पर जाते वक्त उन्हें एक धनी व्यक्ति मिला। उसने महात्मा से पूछा कि “महात्मा जी, मैने अपनी जिंदगी में खूब धन कमाया है और दान भी खूब किया है तो मुझे तो स्वर्ग मिल ही जाएगा न।”
ये सुनकर महात्मा समझ गए कि उसे अपने धन पर अधिक ही घमंड है तो महात्मा जी ने उसे अपने साथ आश्रम आने को कहा। व्यक्ति जब महात्मा के साथ आश्रम पहुंचा तो महात्मा जी उसके हाथ में एक सुई थमा दी